सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
हाथो में त्रिशूल लिए है गले में है सर्पो की माला
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम, मन को आएगा आराम
किया तपहिं भागीरथ shiv chalisa lyricsl भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥